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बिहार बोर्ड का करिश्मा : परीक्षा दी गणित की और फेल हो गए बॉयोलॉजी में

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30 मई को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा बाहरवीं का रिज़ल्ट जारी किया गया । जिसके बाद हर तरफ हंगामा ही मचा है । 64 फीसदी छात्र फेल गए परन्तु बोर्ड और सरकार इसे न्यायपूर्ण परिणाम होने का दावा कर रही है । परन्तु मोतीहारी के एक छात्र का रिज़ल्ट देखकर साफ़ पता चल रहा है कि बिहार बोर्ड बिल्कुल नहीं सुधरा है और उसके सारे दावे खोखले हैं । इस छात्र ने किसी और विषय की परीक्षा दी और रिजल्ट किसी और परीक्षा का देकर इसे फेल कर दिया गया ।               मिली जानकारी के मुताबिक़ चांदमारी का रहने वाला पीयूष प्रियम साइंस स्ट्रीम का छात्र है । उनके मुख्य विषय के रूप में गणित लिया था,फार्म में भी गणित ही भरा था और परीक्षा भी उसी की दी थी परन्तु बोर्ड ने जो रिज़ल्ट दिया है उसमें पीयूष का मुख्य विषय बॉयोलॉजी दिखाया गया है । जिसमें सिर्फ 26 अंक है और उसे फेल कर दिया गया है । वहीं गणित में उसे 71 अंक है जिसे अतिरिक्त विषय बना दिया गया है । ऐसे में पीयूष और उसका परिवार काफ़ी चिंतित और मायूस है ।                   हर वर्ष की तरह बिहार बोर्ड अपनी त्रुटियों के कारण फिर से विवादों के घेरे में है । फेल छात्र बोर्ड

एक बार फिर हुए पत्रकार ,बाहुबली के हिंसा के शिकार

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सीवान के नबीगंज ओपी क्षेत्र के पड़ौली साह टोला गांव में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला होने का मामला प्रकाश में आया है । मामले में राजद नेता व प्रखंड प्रमुख को दोषी पाया गया है ।              पीड़ित पत्रकार धनेश सिंह के बयान के अनुसार राजद नेता व प्रखंड प्रमुख बबीता देवी तथा उनके पति बच्चा सिंह आदि पत्रकार के घर पहुँचकर उनके साथ मार पीट करने लगे । यहाँ तक की प्रखंड प्रमुख के पुत्र मनु सिंह ने पत्रकार के सिर पर कट्टा तक तान दिया और बच्चा सिंह धनेश सिंह पर हॉकी के डंडे से बेहिसाब हमला करता रहा । जब पति को बचाने के लिए पत्रकार की पत्नी आशा देवी आई तो आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया और काफ़ी बदसुलूकी भी की । पत्रकार तो घायल होकर बेहोश हो गए । आरोपियों द्वारा जाते जाते रंगदारी की भी मांग की गयी । धनेश के अनुसार घटना का कारण खबर को लेकर उपजा विवाद है। आवाज सुनकर जब आस पास के लोग आए तो अपराधी भाग गए । पत्रकार और उनकी पत्नी को इलाज के लिए नबीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया । स्थानीय थाना में आरोपियों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है ।                  बता दे कि एक साल पहले सीवान के

मास्टर अपनी छात्रा को ले हुआ फरार

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पटना के दानापुर में एक ट्यूशन टीचर द्वारा अपनी ही नाबालिग छात्रा को लेकर भागने का मामला सामने आया । टीचर और छात्रा को जबलपुर स्टेशन पर संदिग्ध हालत में घूमते हुए गिरफ्तार के लिया गया । दानापुर पुलिस टीम दोनों को जबलपुर से बरामद करने के लिए रवाना हो चुकी है ।               गिरफ़्तार होने के पश्चात दोनों के बयान के अनुसार ट्यूशन टीचर संतोष कुमार अपनी नाबालिग छात्रा को पढ़ाया करता था । इसी बीच दोनों का प्रेम - प्रसंग चल पड़ा । यह इतना आगे बढ़ गया कि ट्यूशन टीचर अपनी इस नाबालिग़ छात्रा को लेकर फ़रार हो गया । दोनों पटना के भागने के बाद पहले नागपुर पहुंचे, फिर वहां से जबलपुर चले गए और वहां से भी ट्रेन से कहीं और जाने की योज़ना बना रहे थे कि रेलवे पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया ।                   दोनों के फ़रार होने के संबंध में नाबालिग छात्रा के परिजनों ने दानापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। उनके गिरफ़्तारी के बाद जबलपुर पुलिस ने दानापुर पुलिस को उन दोनों की बरामदगी की खबर दे दी । दानापुर पुलिस ज़ल्द ही उन्हें दानापुर ले आएगी ।

माँ के आंख के सामने ट्रेक्टर ने बेटे को कुचला

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एक माँ के आँख के सामने ट्रेक्टर के कुचलने से बालक की मौत हो गई! घटना रानीपतरा मुफस्सिल थाना के पोखरिया ईदगाह टोला की है जहाँ एक तेज़ रफ़्तार ट्रैक्टर ने 7 वर्षीय बच्चे को कुचल दिया! जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत जो गई! घटना के सम्बन्ध में बताया जा रहा है की पोखरिया ईदगाह टोला निवासी मोहम्मद इजारुल का 7 वर्षीय पुत्र सड़क किनारे खड़ा था तभी ईट भट्ठा से आ रही तेज रफ़्तार ट्रैक्टर अचानक सामने आकर तेज़ हॉर्न दबा दिया! जिस वजह से बच्चे को गाड़ी की दिशा के बारे में पता नहीं चला! जैसे ही बालक मुड़ा तेज़ रफ़्तार ट्रैक्टर उसे कुचलता हुआ आगे बढ़ गया! बच्ची की माँ चीखती चिल्लाती रही मगर ट्रेक्टर कुचलता हुआ आगे बढ़ गया! ट्रैक्टर द्वारा ब्रेक नहीं दबाने से पुनः दूसरा चक्का भी चढ़ गया जिस से बच्चे की मौत हो गई! घटना के बाद भी ट्रेक्टर तेज़ रफ़्तार से भागने लगा जिसे ग्रामीणों ने खदेड़ कर पकड़ा! पकड़े गए ड्राइवर का नाम बेचन पासवान है! उसने बताया की गाड़ी एसबीआई मार्क ईंट भट्ठा की है! ट्रेक्टर को जब्त कर मुफस्सिल थाने लाया गया है!

चमत्कारी घटना : मृत मानकर दफनाए गया बच्चा जीवित पाया गया

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छपरा के अमनौर प्रखंड के रसूलपुर पंचायत में एक ऐसी अविश्वसनीय घटना घटी कि वहाँ के लोग अभी तक आश्चर्यचकित है । आस पास इलाकों में भी बस यही चर्चा का विषय बना हुआ है । यहाँ एक नवजात बच्चे को मृत पाकर उसे दफना दिया गया,वहीं सपने में बच्चे को जीवित देखने के बाद जब बच्चे की निकाला गया तो बच्चा सच में जीवित पाया गया ।             पूरी घटना इस प्रकार है कि अमनौर प्रखंड के रसूलपुर गांव में रहने वाले गरीबन महतो की पत्नी सीजानती देवी ने 9 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद एक बेटे को जन्म दिया परन्तु बच्चे की आयु अधिक नहीं थी ,उस नवजात बच्चे की मृत्यु हो गयी । इसके पश्चात बच्चे को गाँव के एक पोखरे में मिट्टी खोदकर दफना दिया गया । इस घटना के बाद शनिवार की रात जब उस मृत बच्चे की बुआ सो रही है तो उसे बच्चे के जिंदा होने का सपना आया । सुबह उठते ही उसने जहाँ बच्चे को दफनाया था उसे खोदकर बच्चे को बाहर निकाला तो वह बच्चा वाकई में जीवित था,उसकी सांसे अच्छे से चल रही थी । उस बच्चे की बुआ अपने भतीजे को लेकर सबसे पहले मंदिर टीका करने ले गयी परन्तु गांव वालों ने मृत बच्चे को मन्दिर में ले जाने से मना कर दिया । फिर ब

की-बोर्ड की ‘F’ और ’J’ key पर बने उभार का राज़ जानते हैं आप?

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कभी आपने ये सोचा कि आपके की-बोर्ड की दो Keys यानि 'F' और 'J' पर उभार क्यों है? आपकी उंगलियों ने टाइप करते हुए ज़रूर इसे महसूस किया होगा, लेकिन आपका ध्यान शायद ही गया हो. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? दरअसल, इसके पीछे का कारण है आपकी सहूलियत, जिससे टाइप करते हुए आपकी उंगलियां सही key को प्रेस कर सकें और आप आसानी से टाइप कर सकें. इसलिए आपके दोनों हाथों की तर्जनी उंगली टाइपिंग के समय जहां होती है, उन keys पर उभार हैं. जिससे दोनों हाथों की बाकी तीनों उंगलियां आसानी से D, S, A और K, L, Colon (:) पर बिना देखे पहुंच सकें. इससे टाइपिस्ट को स्क्रीन पर देखते हुए टाइप करने में मदद मिलती है. इससे दोनों हाथों के अंगूठे भी space button पर रहते हैं. शायद आपको समझ आ गया होगा कि इन दो keys पर ही उभार क्यों बनाए गए हैं. नहीं तो कुछ ऐसा हाल होता लैपटॉप का. Source: Topyaps कभी आपने ये सोचा कि आपके की-बोर्ड की दो Keys यानि 'F' और 'J' पर उभार क्यों है? आपकी उंगलियों ने टाइप करते हुए ज़रूर इसे महसूस किया होगा, लेकिन आपका ध्यान शायद ही गया हो.

’लैंड करने से पहले विमान के अंदर की लाइट धीमी कर दी जाएगी'. ऐसा क्यों कहा जाता है?

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Source: क्या कभी आपने ग़ौर किया है कि जब विमान की लैंडिंग होती है, तब अंदर की रौशनी को डिम क्यों कर दिया जाता है? इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं. लोगों ने अपने सुविधानुसार इसे तय भी कर लिया होगा. लेकिन दावे के साथ कह सकता हूं कि इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं हो सकती. ख़ैर चिंता की कोई बात नहीं है, हम आपको इसके पीछे का राज़ बताएंगे. ये हैं कारण विमान कंपनियों के अनुसार, ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया जाता है. इस परंपरा को लंबे समय से निभाया जा रहा है. इसी वजह से विमानों की लैंडिंग के समय अंदर की रोशनी मद्धम कर दी जाती है. Source: i क्या सोचते हैं अन्य यात्री? हमारे जैसे कई यात्रियों को लगता है कि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यात्री किताबें पढ़ना या फोन देखना बंद कर दें और विमान की लैंडिंग के दौरान सतर्क रहें. वहीं कुछ लोगों को लगता है कि ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि एयरलाइन स्‍टाफ यह सुनिश्चित कर सके कि सभी को पता चले कि विमान उतरने जा रहा है. Source: Static कई बार देखा जाता है कि विमान में लैंडिंग के दौरान गड़बड़ियां हो जाती हैं, ऐसे में विमान को आपात