>> इस गाँव पर है रहस्यमयी नींद की बीमारी का आतंक
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2010 में हुई थी शुरुआत -
गाँव में इस बीमारी की शुरुआत अप्रैल 2010 में हुई थी। तब से यह बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। इस गाँव की आबादी 600 है जिसमे से 14 प्रतिशत आबादी इस बीमारी की चपेट में आ चुकी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी अचानक से नींद आ जाती है। कभी-कभी यह नींद कुछ घंटो की होती है जबकि कभी-कभी यह नींद महीनो तक चलती है। ऐसी ही एक घटना हाल ही में सितम्बर में घटित हुई, जब 8 बच्चे स्कूल की असेम्बली में इसी बीमारी के कारण गिर गए थे, तभी से ये बच्चे सो रहे है।
कारण है अज्ञात -
यह रहस्यमयी बीमारी क्यों और किस कारण से फ़ैल रही है, इसका वास्तविक कारण अभी तक वैज्ञानिको की पकड़ में नहीं आ सका है। अभी तक की जांच में यह पाया गया है की इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के दिमाग में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति के दिमाग में अचानक से यह तरल पदार्थ क्यों बढ़ जाता है इसका कारण अभी तक नहीं समझ आया है। डॉक्टर्स इसका एक मात्र कारण प्रदूषित पानी बताते है।
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कजाकिस्तान का यह गाँव एक बंद हो चुकी यूरेनियम की खदान के पास स्तिथ है। जिसमे से ज़हरीला रेडिएशन होता रहता है। पर गाँव में रेडिएशन की मात्रा कोई ख़ास ज्यादा नहीं है साथ हो डॉक्टर्स भी रेडिएशन को इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं मानते है। अप्रैल 2010 में पीड़ित प्रथम व्यक्ति को अब तक इस बीमारी का 7 बार अटैक हो चूका है और वो कुछ दिनों से महीनो की नींद सो चूका है।
इस प्रकार चार सालो की अथक कोशिशों के बावजूद वैज्ञानिक इस रहस्यमयी बीमारी का कारण और निदान नहीं खोज सके है।