>> अगर आपको लगता है कि भारत को ISIS से खतरा नहीं है, तो एक बार फिर सोचिये

दुनिया के लिए इस वक़्त सबसे बड़ा खतरा है आतंकवाद और ISIS इस खतरे का सबसे बड़ा नाम है. इस आतंकवादी संगठन की पहुंच सिर्फ़ मध्य एशिया तक ही नहीं, दुनिया के कोने-कोने तक है. कई लोगों को ये लग रहा था कि भारत ISIS की पहुंच से दूर है, लेकिन ऐसा नहीं है.
Pew Research Report ने एक सर्वे किया जिसमें ये पता चला कि 11 देश ISIS से नफ़रत करते हैं, बस एक को छोड़ कर. अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये देश कौन सा है? ये चार्ट देखिये...






जी हां, पाकिस्तान. सिर्फ़ 28 प्रतिशत पाकिस्तानी मानते हैं कि ISIS एक खतरा है. 62 प्रतिशत लोगों की कोई राय नहीं है. अब इसका क्या मतलब निकालें?


ये दुनिया और ख़ासकर भारत के लिए ख़ौफ़नाक स्थिति है. जानते हैं क्यों?

ISIS ने पाकिस्तान में और आस-पास ट्रेनिंग कैंप आयोजित करना शुरू कर दिया है. इस जगह को 'विलायत खोरसन' कहते हैं. जानकारों का मानना है कि ये जगह अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के उत्तरी बॉर्डर पर है.


इन तस्वीरों में देखिये कि कैसे ISIS मुजाहिदीनों को ट्रेनिंग दे रहा है.



पीछे का बैकग्राउंड ध्यान से देखिये. इस तरह के देवदार के पेड़ और बर्फ़ से लदे पहाड़ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के पश्चिमी भाग में देखने को मिलते हैं.



पाकिस्तान दावा करता है कि वो इस्लामिक स्टेट को अपने देश में दाखिल होने नहीं देगा. लेकिन सच्चाई तो ये है कि ISIS ने अपने कदम पाकिस्तान में जमा लिए हैं.


पाकिस्तान वैसे भी ISIS के लिए अनुकूल जगह है क्योंकि वहां पहले से ही ट्रेनिंग कैम्प्स बने हुए हैं.


पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह है. याद है, ओसामा बिन लादेन को अबोटाबाद, पाकिस्तान से पकड़ा था.


26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड, हाफ़िज़ सईद आज पाकिस्तान में राजा बन कर घूम रहा है.


एक पूर्व पाकिस्तानी सीनियर पुलिस अधिकारी ने ये बात मानी है कि 2008 के मुंबई हमलों के पीछे पाकिस्तान की मुख्य भूमिका थी.

पाकिस्तान में ये आतंकवादी बड़ी तादाद में पनप रहे हैं और सिर्फ़ पाकिस्तान के बाहर ही नहीं, अंदर भी हमला कर रहे हैं.

हाल ही में, पेशावर के एक स्कूल में आतंकवादियों ने बहुत ही घातक हमला किया था.

पाकिस्तान की सरकार इन आतंकियों को विफल करने में असफल रही है.

पाकिस्तान के NWPF (खाइबर पख्तूनख्वा) इलाके में आये दिन आतंकवादी हमले होते रहते हैं. आतंकवादियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के पास US से बहुत रुपया आता है, जिसमें से अधिक भारत के खिलाफ़ प्लानिंग करने में चला जाता है.


साम्प्रदायिकता और कट्टरपंथ पाकिस्तान में अपने चरम पर है. शिया और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ जुर्म बढ़ गए हैं. 2010 से ये वारदातें पाकिस्तान में हर रोज़ हो रही हैं.


पाकिस्तान को आतंकवाद के ख़िलाफ़ बढ़-चढ़ कर बोलना चाहिए, लेकिन उन्होंने इन आतंकवादियों को 'अच्छे' और 'बुरे' आतंकवादियों की श्रेणी में डाल दिया. इससे उनकी आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई के दावे पर शक़ होता है.


सिर्फ़ यही नहीं, पाकिस्तान में कई अनाधिकृत मदरसे हैं जहां बच्चों को जिहादी बनने की शिक्षा दी जाती है.


बलोचिस्तान में 3000 से ज़्यादा मदरसे हैं जो अनाधिकृत रूप से चल रहे हैं. इन्हें रुपये सऊदी अरब जैसे देशों से मिलते हैं जो ISIS को भी फंड पहुंचाते हैं.

बलोच प्रांत के लोग स्वतंत्र बलोचिस्तान की मांग कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत उनकी आवाज़ को दबाने के लिए वहां अस्थिरता फैला रही है.


सच तो ये है कि आपके और हमारे जैसे पढ़े-लिखे पाकिस्तानी अमन-चैन ही चाहते हैं, लेकिन Pew Research के अनुसार बहुत अधिक संख्या में पाकिस्तानी हैं जो कट्टरपंथी सोच रखते हैं. ISIS को पनपने के लिए इससे अनुकूल स्थिति हो ही नहीं सकती. इसीलिए भारत और पड़ोसी देशों के लिए ये परिस्थिति बहुत बड़ा खतरा है. पाकिस्तानी हुकूमत जो ये समझना चाहिए कि ISIS सिर्फ़ गैर-इस्लामिक देशों के लिए ही खतरा नहीं, उनके लिए भी है. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, उन्हें ISIS को ख़त्म करने के लिए कदम उठाने चाहिए.

Image Source: TopYaps
Feature Image Source: corbettreport

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