>> 111 दिनों में 11 देशों की यात्रा कर के इस भारतीय परिवार ने फैमिली हॉलिडे के मायने बदल दिए
ट्रैवल का शौक़ उस हरेक इंसान को होता है जो स्वयं को जानने की इच्छा
रखता है. गुरुनानक देवजी से ले कर महात्मा बुद्ध ने स्वयं को जानने का काम
दुनिया देखने के साथ किया और अपने अंदर सुधार कर लोगों को संदेश दिया.
जनाब, ये तो पौराणिक कथाओं की बात थी, लेकिन आधुनिक समय में ट्रैवल करने के
मायने व्यक्तिगत होते जा रहे हैं, लगातार बदलते जा रहे हैं.
आज इस लेख में हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जो
ट्रैवल का शौक़ मात्र अपने दिलों में नहीं पाले रखता, बल्कि रुख़ करता है
रास्तों का.
मिलिए वैद परिवार से... इन्होंने मात्र 111 दिनों में 11 देशों की सैर की और वो भी एक कार से.
आनंद और पुनीता वैद अपने दो बच्चों को भी साथ ले कर गये. इनका नाम यश और धृति है. यश 12 साल का है, जबकि धृति 8 साल की है.
ये था इन राहों का रूट...
12 दूतावासों से अनुमति लेने के साथ-साथ इन्हें बच्चों के लिए स्कूल के प्रिंसीपल से भी ज़्यादा छुट्टियों की मांग करनी पड़ी.
8 अप्रैल को शुरू हुआ था सफ़र
ये गाड़ी बनी इनकी राहों का पांचवा साथी
जब ये परिवार नेपाल पहुंचा तो वहां भूकंप आ गया
पांच दिन नेपाल में अटके रहने के बाद भी इनका हौसला नहीं टूटा
तिब्बत में बांट रहे हैं खुशियां
स्कूल में सीखने से ज़्यादा शायद बच्चे इस सफ़र के दौरान सीखेंगे
ये तस्वीर करोला की है, पीछे दिख रहा मिट्टी का ये पठार लगभग 20 फ्लोर ऊंचा है
ये
परिवार शाकाहारी है और शाकाहारी होने के बाद चीन और मध्य एशिया की यात्रा
करना सच में काफ़ी साहसी काम है. क्योंकि वहां मांसाहारी खाना ज़्यादा
मिलता है, इसीलिए इन्होंने अपने साथ खाने-पीने का सारा जुगाड़ रखा था.
ये तुर्कमेनिस्तान है
और यहां रात का नज़ारा तो बस दिल ही मोह लेता है
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अग्शाबात कुछ इस तरह से चमकती-दमकती है
अब थोड़ा किर्गीस्तान भी चल लिया जाये
इस नज़ारे का दीदार बस प्रकृति ही करवा सकती है
शांत और खुले रास्तों पर एकांत बसता है और चलते हैं चार राही
झूलों से बच्चों को मिली शरारत
Issyk-Kuk Lake के पास थमा पानी
हम, तुम और वो लाल लारी (कार)
इस लाल लारी के बिना कुछ भी संभव नहीं था
ईरान में बावर्ची के साथ वार्ता करते हुए
उज़बेकिस्तान का दीदार
तुर्की तो प्यार का संसार निकला
ग्रीस में पैमाने कुछ ऐसे झलकते हैं
इतना चलने-फिरने के बाद लाल लारी की सर्विस करवाना भी तो ज़रूरी है
Source: OverlandStories