इन
कुछ सालों में भारत में कई ऐसे विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिन्होनें सामाजिक
व्यवस्था को हिला कर रख दिया. चाहे वो अन्ना हज़ारे के समर्थन में निकले
हज़ारों युवा थे, या फिर निर्भया कांड से क्रोधित अपना विरोध प्रकट करता
जन-सामान्य. लेकिन इस दुनिया में कई दूसरे विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं जो
सुनने में बहुत अजीब लगते हैं, लेकिन इनके पीछे की धारणा मनुष्यता के विकास
के लिए ही है. तो नज़र डालते हैं ऐसे ही कुछ विरोध प्रदर्शनों पर.
1. Slutwalk
24 जनवरी, 2011 में टोरंटो के एक यूनिवर्सिटी कैंपस में रेप होने के
बाद, पुलिस कॉन्स्टेबल माइकल ने बयान दिया था कि "अगर औरतों को रेप से बचना
है तो उन्हें फूहड़ कपड़े नहीं पहनने चाहिए". उनके इस बयान से दुनियाभर में
विरोध की आवाज़ें उठने लगीं क्योंकि पीड़ित को ही गलत दोषी ठहराना गलत है.
कुछ महिलाओं ने विरोध करने का एक नया तरीका निकाला. उन्होंने छोटे और फूहड़
कपड़े पहन कर पूरे शहर के सामने प्रदर्शन किया, जिसका नाम दिया गया
Slutwalk. उनका मानना था कि हर महिला अपनी सेक्स लाइफ़ के लिए ज़िम्मेदार है
और उसे किसी पुरुष के सहारे की ज़रुरत नहीं है. ये विरोध प्रदर्शन टोरंटो,
कैनेडा में शुरू हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे कर के कई देशों में ऐसी और भी
Slutwalk होने लगीं.
2. फ़र पहनने की जगह निर्वस्त्र रहना ही ठीक है
PETA (People for the Ethical Treatment of Animals) जानवरों के संरक्षण
के लिए दुनियाभर में काम करता है और अपने निर्भीक अभियानों के लिए जाना
जाता है. एक ऐसा ही अभियान था जब प्रदर्शनकारी निर्वस्त्र होकर सड़कों पर चल
रहे थे और उनके शरीर पर खून से सनी जानवरों की नकली चमड़ी लिपटी हुई थी.
उनका कहना था कि "फैशन के लिए किसी जानवर के फ़र को पहनने से अच्छा है कि हम
कुछ नहीं पहनें".
3. दूध की नदियां बहाना
बेल्जियम के डेरी किसान बहुत समय से दूध के गिरते दामों को लेकर चिंतित
थे और सरकार कुछ नहीं कर रही थी. जब पानी सर से ऊपर हो गया तो 2009 में,
2500 यूरोपियन किसान, ब्रुसेल्स की सड़कों पर उतर आये. पहले उन्होंने हज़ारों
लीटर दूध से सड़क पर नदी बना दी. फिर गाय के थन से सीधे पुलिस पर बौछार
मारने लगे. उन्होंने घास-फूस और टायर जलाये और पुलिस पर दूध की बोतलें भी
फेंकी. सिर्फ़ यही नहीं, किसानों ने अपने मुर्गों को पुलिस पर छोड़ दिया. इस
हिंसा के बीच फंसी एक गाय ने घबराकर जनता पर ही हमला बोल दिया.
Source: http://www.foxnews.com/world/2012/11/26/thousands-eu-farmers-douse-officers-in-milk-to-protest-low-prices/
4. झंडे को पवित्र कर देंगे
सन 2000 में अल्बर्टो फूजीमोरी को पेरू का राष्ट्रपति चुना गया, लेकिन
इससे जनता खुश नहीं और क्रोधित हो गयी. बात ऐसी थी कि फूजीमोरी पर सत्ता का
दुरूपयोग और अपने विरोधियों पर हिंसा करने का आरोप था. पेरू की कुछ
महिलाओं ने इस भ्रष्ट राष्ट्रपति के खिलाफ़ प्रदर्शन करने की ठानी. वो हर
रोज़ पेरू की राजधानी लीमा के मुख़्य चौराहे पर आतीं और अपने देश के झंडे को
धोतीं जो भ्रष्ट राजनीति से अपवित्र हो गया था. इस प्रदर्शन के बाद
फूजीमोरी जापान भाग गए जहां से उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
5. हुक से लटके रहना
इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर के अनुसार हर साल करीब 100 मिलियन
शार्क मछलियां मछली पकड़ने के हुक में फंस जाती हैं जिसकी वजह से उनकी
जनसंख्या में 80% की गिरावट आ गयी है. आर्टिस्ट ऐलिस न्यूस्टेड ने लोगों को
जागरूक करने के लिए एक नायाब और दर्दनाक तरीका अपनाया. उन्होंने अपने शरीर
पर शार्क की तरह सिल्वर रंग लगा लिया और अपनी पीठ पर लोहे का हुक लगा कर
पेरिस के एक बुटीक की सीलिंग से लटक गयीं. 15 दर्दनाक मिनट वो ऐसे ही लटकी
रहीं.
6. बैलून की ऐसी निगरानी नहीं देखी होगी
अमेरिका ने गैरकानूनी गमन रोकने के लिए अमेरिका / कैनेडा बॉर्डर पर एक
निगरानी रखने वाला बलून उड़ाया. कैनेडा के लोगों को ये बात अच्छी नहीं लगी.
आख़िरकार अमेरिका कैसे उनकी प्राइवेसी में दख़ल दे सकता है. ख़ैर, उन्होंने
विरोध का एक बहुत ही मज़ेदार तरीका अपनाया. 200 लोग अपनी पतलून उतार कर
बैलून के कैमरों की तरफ पिछवाड़ा करके खड़े हो गए. इसको कहते हैं “Mooning
the Balloon”.
7. इस लड़की का नाम है Cutout Dissection.com
अमेरिका में पढ़ने वालीं, जेनिफ़र थ्रोनबर्ग, साइंस क्लास में होने वाली
जानवरों की अनौपचारिक चीर-फाड़ से बहुत परेशान थीं. उन्होंने विरोध का एक
अलग ही तरीका अपनाया. उन्होंने कानूनी तौर पर अपना नाम बदल कर
CutoutDissection.com रख लिया. अगर आप इंटरनेट पर इस वेबसाइट का URL
डालेंगे तो आपको बाकायदा एक वेबसाइट मिलेगी जिसमें जानवरों के ऊपर होने
वाली अनौपचारिक चीर-फाड़ के ख़िलाफ़ लिखा गया है. उनके ड्राइविंग लाइसेंस पर
भी उनका नाम है "Dissection.com, Cutout". इसके बाद उनके स्कूल ने निर्णय
लिया कि जिन छात्रों को इस चीर-फाड़ से प्रॉब्लम है, वो इस क्लास को छोड़
सकते हैं.
8. पिंक चड्ढी कैंपेन
ये तो हमारे भारत की ही बात है. 2009 में हिन्दू संगठन, श्री राम सेना
ने मैंगलोर के एक पब पर हमला किया, जिसमें ज़्यादातर महिलायें थीं. उन्होंने
तर्क दिया कि ये महिलाएं हमारे देश की सभ्यता को बिगाड़ रही हैं. श्री राम
सेना के संस्थापक, प्रमोद मुथालिक ने ये धमकी भी दी कि वैलेंटाइन डे के दिन
जो भी युगल जोड़े उन्हें दिख जायेंगे, वो उनकी शादी करा देंगे. जवाब में
कुछ प्रगतिशील महिलाओं ने पिंक चड्ढी कैंपेन का आगाज़ किया जिसमें उन्होंने
2,000 चड्ढियां मुथालिक के ऑफ़िस में पहुंचाईं. शर्मसार हुए मुथालिक को अपना
बयान वापस लेना पड़ा और पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया.
9. अपना लिंग कटवाना
इजिप्ट में रहने वाला 25 साल का शेख़ ईसा दुखी था कि उसके माता-पिता
ज़बरदस्ती किसी और लड़की से उसकी शादी करवा रहे हैं. क्रोध में आकर शेख़ ने
बहुत ही कठोर कदम उठाया और अपना लिंग काट लिया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया
लेकिन डॉक्टर उसका लिंग जोड़ने में कामयाब नहीं हुए.
10. राष्ट्रपति के पोस्टर पर पेशाब करना
दिसंबर, 2013 में FEMEN नाम के एक महिलाओं के ग्रुप ने यूक्रेन के
राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई. वो यूक्रेन में हो रही मानव अधिकारों की
अनदेखी से परेशान थीं. उन्होंने निर्वस्त्र होकर, यूक्रेन के राष्ट्रपति,
विक्टर यानुकोवीच के पोस्टर पेशाब किया जिसकी वजह से राष्ट्रपति को Kiev
में पुलिस की निगरानी बढ़ानी पड़ी.
हर किसी का विरोध दिखाने का तरीका अलग होता है. बच्चे को स्कूल नहीं
जाना होता है, तो वो रोता है, लेकिन जैसे-जैसे इंसान बड़ा होता है, विरोध
दिखाने का तरीका उतना ही अजीब हो जाता है. इन घटनाओं के बारे में जान कर तो
ऐसा ही प्रतीत होता है. आप भी विरोध दिखाने का कोई नया तरीका हमें बताएं
और इस आर्टिकल को शेयर करना न भूलें.
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Feature Image Source: ibtimes