>> भगवान जगन्नाथ के रूप से मेल खाती मकड़ी की नई प्रजाति मिली भारत में
भारत
में एक नई मकड़ी की प्रजाति का पता चला है. इस नई प्रजाति की मकड़ी की
ख़ास बात ये है कि इसके चेहरे की बनावट भगवान जगन्नाथ से मिलती है और इसी
कारण इस प्रजाति को नाम दिया गया है 'एस. जगन्नाथ'. इंद्रप्रस्थ
यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक व छात्र को अरावली पर्वत श्रृंखला के असौला भाटी
वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में जंपिंग स्पाडर श्रेणी की यह प्रजाति सितंबर 2014
में
मिली थी. इसके बाद लैब में इसकी जांच हुई. जांच के बाद नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम बर्न, स्वीट्ज़रलैंड ने अगस्त 2015 को इसके नई प्रजाति की मकड़ी होने पर मोहर लगाई, जो कि भारतीय वैज्ञानिकों के लिए बड़ी कामयाबी है.
शोधकर्ता छात्र भूपेंद्र ने बताया कि सितंबर 2014 को वे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित अरावली पर्वत श्रृंखला के असौला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में घूमने गए थे. जंगल में घूमते हुए उन्हें मकड़ी की कुछ अलग सी प्रजाति दिखी. उस वक्त पड़कने की कोशिश की, लेकिन हाथ में नहीं आई.
मकड़ी की प्रजाति उसकी बनावट के आधार पर जानी जाती है. वैसे भारत में मकड़ी की 1684 प्रजातियां पाई जाती हैं. वहीं इस नई खोज के बाद दुनिया में मकड़ी की प्रजातियों की संख्या बढ़ कर 45654 हो गई है.
मिली थी. इसके बाद लैब में इसकी जांच हुई. जांच के बाद नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम बर्न, स्वीट्ज़रलैंड ने अगस्त 2015 को इसके नई प्रजाति की मकड़ी होने पर मोहर लगाई, जो कि भारतीय वैज्ञानिकों के लिए बड़ी कामयाबी है.
शोधकर्ता छात्र भूपेंद्र ने बताया कि सितंबर 2014 को वे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित अरावली पर्वत श्रृंखला के असौला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में घूमने गए थे. जंगल में घूमते हुए उन्हें मकड़ी की कुछ अलग सी प्रजाति दिखी. उस वक्त पड़कने की कोशिश की, लेकिन हाथ में नहीं आई.
मकड़ी की प्रजाति उसकी बनावट के आधार पर जानी जाती है. वैसे भारत में मकड़ी की 1684 प्रजातियां पाई जाती हैं. वहीं इस नई खोज के बाद दुनिया में मकड़ी की प्रजातियों की संख्या बढ़ कर 45654 हो गई है.